सफल विवाह के लिए कितने गुण मिलान की आवश्यकता है?

Pachangam
3 min readDec 24, 2024

--

vivah ke liye gun milan

भारतीय वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह प्रक्रिया वर और वधू की कुंडलियों के आधार पर उनकी संगति, वैवाहिक जीवन की सफलता, और पारिवारिक सामंजस्य का विश्लेषण करती है। इसमें कुल 36 गुण होते हैं, जिनका विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि सफल विवाह के लिए कितने गुणों का मिलान होना आवश्यक है? आइए इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझते हैं।

गुण मिलान: क्या है इसका महत्व?

गुण मिलान को “अष्टकूट मिलान” कहा जाता है, जो वर और वधू की जन्म कुंडली के आठ अलग–अलग पहलुओं का विश्लेषण करता है। ये पहलू हैं:

1. वर्ण (1 गुण): मानसिक संगति का विश्लेषण।

2. वश्य (2 गुण): एक–दूसरे पर प्रभाव डालने की क्षमता।

3. तारा (3 गुण): स्वास्थ्य और समृद्धि की अनुकूलता।

4. योनि (4 गुण): शारीरिक और मानसिक संगति।

5. ग्रह मैत्री (5 गुण): ग्रहों की आपसी अनुकूलता।

6. गण (6 गुण): स्वभाव और व्यक्तित्व की समानता।

7. भकूट (7 गुण): वैवाहिक समृद्धि और पारिवारिक जीवन।

8. नाड़ी (8 गुण): स्वास्थ्य और संतान से जुड़ी अनुकूलता।

सफल विवाह के लिए कितने गुणों का मिलान आवश्यक है?

36 गुणों में से कम से कम 18 गुणों का मिलान होना सफल विवाह के लिए आवश्यक माना जाता है। यदि 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो यह माना जाता है कि वर और वधू के बीच पर्याप्त संगति है।

गुण मिलान के स्तर के आधार पर परिणाम:

· 18–24 गुण: सामान्य संगति, विवाह संभव।

· 25–32 गुण: अच्छा सामंजस्य, सुखी वैवाहिक जीवन।

· 33–36 गुण: उत्कृष्ट संगति, आदर्श विवाह।

यदि 18 से कम गुण मिलते हैं, तो विवाह ज्योतिषी सलाह आवश्यक होती है।

क्या गुण मिलान ही पर्याप्त है?

हालांकि गुण मिलान महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल इसी के आधार पर वैवाहिक सफलता की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। अन्य ज्योतिषीय कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे:

· मांगलिक दोष का विश्लेषण: मंगल ग्रह की स्थिति वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।

· दशा और अंतरदशा का अध्ययन: विवाह के समय और वैवाहिक जीवन पर ग्रह दशाओं का प्रभाव।

· सातवें भाव का अध्ययन: यह भाव विवाह और जीवन साथी से संबंधित होता है।

· चंद्रमा की स्थिति: मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन के लिए चंद्रमा का महत्व।

गुण मिलान न होने पर क्या करें?

यदि गुण मिलान में कम अंक आते हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि विवाह सफल नहीं होगा। ज्योतिषीय उपाय और मंत्रों के माध्यम से दोषों का निवारण किया जा सकता है।

· पारंपरिक उपाय: विशेष पूजा और हवन।

· मंत्र जाप: दोषों को कम करने के लिए मंत्र जाप।

· रत्न धारण: ग्रहों की अनुकूलता बढ़ाने के लिए रत्न धारण।

· सामाजिक दृष्टिकोण: ज्योतिषीय उपायों के साथ–साथ व्यक्तिगत समझ और सामंजस्य भी जरूरी है।

नाड़ी दोष और भकूट दोष का महत्व

गुण मिलान में नाड़ी दोष और भकूट दोष विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।

· नाड़ी दोष: यह दोष संतान और स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। इसे हवन, पूजा, या मंत्र जाप से ठीक किया जा सकता है।

· भकूट दोष: यह दोष वैवाहिक जीवन की समृद्धि को प्रभावित कर सकता है। इसे ज्योतिषीय उपायों से कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

सफल विवाह के लिए गुण मिलान महत्वपूर्ण है, लेकिन यह वैवाहिक सफलता का एकमात्र आधार नहीं है। अन्य ज्योतिषीय और व्यक्तिगत पहलुओं को भी ध्यान में रखना चाहिए।

यदि आप अपने विवाह के लिए गुण मिलान या कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं, तो किसी विशेषज्ञ विवाह के लिए ज्योतिषी से परामर्श लें। इससे न केवल दोषों का निवारण होगा, बल्कि एक सुखद और सफल वैवाहिक जीवन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

Source: https://kundlihindi.com/blog/vivah-ke-liye-gun-milan/

--

--

Pachangam
Pachangam

Written by Pachangam

"Astrological services for business issues, career selection, job issues, etc. For more info visit https://www.vinaybajrangi.com/

No responses yet